Jawaharlal Nehru की कुछ ऐतिहासिक गलतीयाँ, जिनका असर आज तक दिखता है

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Jawaharlal Nehru: 15 अगस्त 1947 को भारत आज़ाद हुआ, लेकिन देश का बंटवारा हो गया। कहा जाता है कि अगर पंडित जवाहरलाल नेहरू चाहते तो बंटवारा रोका जा सकता था। इस बंटवारे के कारण लाखों हिंदू और सिखों को अपनी जान गंवानी पड़ी और कई महिलाओं पर अत्याचार हुआ। इसके कुछ ही समय बाद पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला किया, लेकिन नेहरू जी ने सेना को रोककर युद्धविराम की घोषणा कर दी और मामला संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में ले गए। इसका नतीजा ये हुआ कि आज भी पीओके पाकिस्तान के कब्जे में है।

Jawaharlal Nehru: कश्मीर पर नेहरू ने की थी ये बड़ी गलती

नेहरू जी की एक और बड़ी चूक थी कश्मीर को विशेष दर्जा देना यानी धारा 370 लागू करना। इस विशेष दर्जे ने कश्मीर को भारत से पूरी तरह नहीं जुड़ने दिया। हालांकि, मोदी सरकार ने अब इस धारा को हटा दिया है। इसके अलावा, आजादी के बाद नेपाल को भारत में मिलाने का अवसर भी गंवा दिया गया, जो एक ऐतिहासिक गलती मानी जाती है।

तिब्बत को चीन का हिस्सा मान भारत के लिए खड़ा किया एक और दुश्मन

नेहरू जी की अंतिम बड़ी भूल मानी जाती है तिब्बत को चीन का हिस्सा मानना। इसी वजह से 1962 में चीन ने भारत पर हमला किया और भारत को हार झेलनी पड़ी। आज भले ही Jawaharlal Nehru की ये गलतियां अतीत की बात हों, लेकिन जनता को अब भरोसा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में भारत इन समस्याओं से बाहर निकलकर एक मजबूत राष्ट्र बन रहा है।

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